"मिशन सेव रहिनो" के तहत असम के कलाकार ने नाक से पेंटिंग बनाकर ताजमहल पर किया अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन

वैन (ब्रज किशोर शर्मा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: असम में शिकारियों से रहिनो को बचाने की मुहिम को लेकर देश भर के मशहूर पर्यटन स्थलों पर "मिशन सेव रहिनो" के तहत जागरूकता फैलाने निकले असम के जोराहट निवासी कलाकार और समाजसेवी सिरुमोनी डोले ने नाक से पेंटिंग बनाने की अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन ताज महल पर किया। नाक से पेंटिंग बनाने वाले कलाकार सिरोमनि ने दिल्ली से 14 जुलाई को "मिशन सेव रहिनो" की शुरुआत की, जिसके बाद वो आगरा के ताजमहल पर पहुंचे। नाक से पेंटिंग बनाता देखा वहां मौजूद पर्यटकों की भीड़ लग गयी। हर पर्यटक वहां सिरोमनि की कला का बखान करता नजर आया। वहीं सिरोमनि ने बताया कि दुनिया की सबसे पुरानी प्रजाति एक सींग वाला रहिनो सिर्फ असम में देखने को मिलता है। इसकी एक झलक के लिए हजारों पर्यटक हर साल असम आते हैं लेकिन शिकारियों की वजह से रहिनो के वजूद को भी खतरा पैदा होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके साथ छह अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी असम से हैं जो देश भर के सबसे मशहूर स्थानों पर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं उन्होंने बताया कि एक सींग वाला रहिनो असम की पहचान है। इसी वजह से वह नाक से पेंटिंग बनाकर इस बारे में लोगो को अवगत करा रहे हैं।

उधर, ताजमहल में भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारी अंकित नामदेव ने भी वहां मौजूद सभी पर्यटको से अपील की कि रहिनो सबसे पुरानी प्रजाति का जानवर है, इसे बचाया जाना जरूरी है।

14 जुलाई से दिल्ली से शुरू हुआ हुआ इनका यह अभियान 11 अगस्त 2019 को काजीरंगा नेशनल पार्क पर समाप्त होगा।

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