धड़ल्ले से हो रहे गर्भपात पर स्वास्थ्य विभाग की औचक छापेमारी

व्यूज़ 24 (भगत तेवतिया - पलवल, हरियाणा) :: पलवल जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर गांव बहरोला स्थित ऐबल धर्माथ अस्पताल में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान टीम को महिला ओपीडी से गर्भपात वाली चार किट बरामद हुई जो कि अपराध की श्रेणी में आती है। साथ ही किट के लिए गर्भवती महिला ग्राहक दिए गए हस्ताक्षर रहित 500 रुपये भी मौके पर बरामद किए गए।

पलवल जिला सिविल सर्जन डाक्टर ब्रहम दीप ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से शिकायत मिल रही थी कि ऐबल धर्माथ अस्पताल में गैर कानूनी तीरके से फर्जी महिला चिकित्सक गर्भपात कराने का कार्य करती है और उसके पास डाक्टर की भी कोई डिग्री व ज्वाईनिंग प्रमाण पत्र नही है। शिकायत के आधार पर उप सिविल सर्जन डाक्टर संजय शर्मा के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जिसमें महिला चिकित्सक सीमा, ड्रगस कंट्रोल ऑफिसर कृष्ण कुमार गर्ग को शामिल किया गया। टीम ने सिविल अस्पताल में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी गुडिया व सबरजीत के साथ एक गर्भवती महिला रचना को फर्जी ग्राहक बनाकर अस्पताल में भेजा गया। महिला ग्राहक ने ऐबल धर्माथ अस्पताल में फर्जी महिला चिकित्सक वीरपाल कौर उर्फ पिंकी गुप्ता से संपर्क अपनी मजबूरी जाहिर करते हुए कहा कि उस पर पहले ही पांच लडकिया है और वह अब बच्चा पैदा नही करना चाहती। महिला चिकित्सक पिंकी गुप्ता ने 30 रुपये का ओपीड़ी कार्ड बनवाया और ब्लड चेक कराने की बात कही। महिला चिकित्सक ने गर्भपात किट की एवज में 500 रुपये काउंटर पर जमा कराने की बात कही। इशारा मिलते ही टीम ने मौके पर दबिश दी और तलाशी ली गई तो महिला वार्ड से एक व मेज की दराज से तीन गर्भपात वाली किट बरामद हुई। साथ ही किट की एवज में दिए गए हस्ताक्षर रहित 500 रुपये भी बरामद किए गए। टीम ने महिला चिकित्सक पिंकी गुप्ता से जब डाक्टरी डिग्री के कागजात की मांग की तो वह मौके पर किसी प्रकार के कोई कागजात नही दिखा पाई बल्कि केवल बीए पास की मार्कशीट ही उपलब्ध करवा पाई। जिस संबंध में आरोपी महिला पिंकी गुप्ता, अस्पताल के चेयरमैन पीके खुल्लर, वायस चेयरमैन रानीलाल व कर्मचारी कमल सिंह के खिलाफ पुलिस को शिकायत दे दी गई। वहीं सिविल सर्जन डाक्टर ब्रहमदीप का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जिससे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान को सार्थक बनाया जा सके।

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